दोस्तों इस article में हम बात करेंगे कि किस खाने में कितना अच्छा और कितना हाई क्वालिटी प्रोटीन पाया जाता है क्योंकि अगर प्रोटीन की क्वालिटी अच्छी न हो तो किसी भी खाने में कितना भी ज्यादा प्रोटीन पाए जाने का कोई भी मतलब नहीं बनता और यह समझना जरूरी है कि प्रोटीन सिर्फ muscles build करने के लिए ही नहीं बल्कि इंसान के hormone production, tissue repair, बाल, हड्डी और त्वचा की अच्छी सेहत के लिए भी बहुत जरूरी होता है और यही वजह है कि जो लोग कोई भी gym या exercise नहीं करते उनके शरीर को भी 0.8 ग्राम per 1kg body weight के हिसाब से प्रोटीन लेना बहुत जरूरी होता है जिसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति का वज़न 60 किलो है तो उसको को दिन भर में कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन अपने खाने के जरिए पूरा करना बहुत जरूरी होता है और इस पूरे article को पढ़ने के बाद आपको अंदाजा हो जाएगा कि किस खाने में कितना प्रोटीन होता है और किस खाने में पाया जाने वाला प्रोटीन शुद्ध और pure होता है आज के इस article में हम प्रोटीन वाले 10 खाने की चीजों को अपनी लिस्ट में शामिल करेंगे और उसमें प्रोटीन की quantity और quality दोनों ही जानने की कोशिश करेंगे। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि आखिर किसी भी खाने में प्रोटीन की quantity के साथ-साथ उसकी quality का ध्यान रखना क्यों जरूरी होता है ? दोस्तों high quality protein का फायदा यह है कि आप उसे दिनभर के प्रोटीन intake के हिसाब से daily भी खा सकते हैं, जबकि low quality protein food कभी-कभी या फिर limit में ही इस्तमाल करना चाहिए। protein की quality को चार शब्दों में समझा जा सकता है।
How to identify lean source of protein
- Protein Percentage – इसका मतलब है कि जिस protein food में carbohydrates और fat की जितनी कम मात्रा होती है protein की quality उतनी ही अच्छी मानी जाती है और ऐसे protein food को lean source of protein food भी कहा जाता है
- Amino Acid Profile – दोस्तों प्रोटीन Amino Acids से मिलकर बना होता है और हमारे शरीर को 9 तरीके के essential amino acids की जरूरत पड़ती है जिसे हमें अपने खाने के ज़रिए पूरा करना होता है और high quality protein food उसे ही कहा जाता है जिसमें पूरे 9 amino acids मौजूद हों।
- Digestibility – दोस्तों खाना पेट में जाकर टूटने और पचने की प्रक्रिया को digestibility कहा जाता है और इसलिए जो प्रोटीन फूड जितनी आसानी से हमारे पेट में टूटता या पचता है उसकी क्वालिटी उतनी अच्छी मानी जाती है
- Biological Value – दोस्तों खाना पेट में टूटने और पचने के बाद छोटी आँत में पहुंचता है और जब छोटी आँत खाने में मौजूद पोषक तत्वों को खींचकर खून में पहुंचाती है तब इस प्रक्रिया को एब्जॉर्पशन कहा जाता है। लेकिन हम जो भी प्रोटीन फूड खाते हैं वह पूरा का पूरा हमारे खून में नहीं पहुंचता है बल्कि उसमें से कुछ खून में पहुंचकर काम में आता है और कुछ बिना इस्तेमाल हुए ही शरीर से बाहर निकल जाता है। या यूं कहें कि यूं ही वेस्ट हो जाता है और ये हर खाने में अलग-अलग तरह से होता है। इसलिए जिस खाने में मौजूद प्रोटीन जितना ज्यादा हमारे खून में पहुंचता है उस प्रोटीन फूड की क्वालिटी उतनी ही अच्छी मानी जाती है और इसे प्रोटीन की बायोलॉजिकल वैल्यू या फिर बायोअवेलेबिलिटी भी कहा जाता है।
अब हम इन चारों शर्तों के आधार पर 10 प्रोटीन फूड के बारे में बारी-बारी से यह जानने की कोशिश करेंगे कि किस खाने में कितना अच्छा प्रोटीन पाया जाता है और साथ में मैं अपना ओपिनियन भी बताऊंगा कि आपको इन खानो को कब और कितनी मात्रा में इस्तमाल करना चाहिए।
10. Legumes(कौन सी दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन है?)
Legumes – दोस्तों beans यानि राजमा चना और हर तरह की दाल legumes की कैटेगरी में आते हैं और इन तीनों का macrons breakdown भी लगभग same ही होता है जिसमें 100 ग्राम legumes में 20 से 25 ग्राम प्रोटीन, थोड़ी मात्रा में फैट और लगभग 55 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है इस हिसाब से पता चलता है कि इसमें प्रोटीन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है लेकिन अगर बात की जाए प्रोटीन की क्वालिटी, तो क्वालिटी प्रोटीन की 4 शर्तों में से ये सिर्फ एक में ही पास हो पाता है और 3 में कहीं ना कहीं पीछे रह जाता है एक शर्त में ये इसलिए पास हो जाता है क्यों की इसमें फैट की quantity कम होने की वजह से ये पचने में ठीक-ठाक होता है और 3 शर्तों में ये इसलिए पीछे रह जाता है क्यों की इसमें प्रोटीन के साथ-साथ carbohydrate भी काफी मात्रा में मौजूद होता है और इसलिए इसे lean प्रोटीन source of food नहीं कहा जा सकता।
दूसरा यह कि इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन की biological value भी काफी कम होती है क्योंकि ये शरीर में जाकर पचने के बाद इसमें पाए जाने वाला प्रोटीन 50% हमारे शरीर में absorb हो जाता है और बाकि का यूही waste हो जाता है और तीसरी शर्तों में इसलिए पीछे रह जाता है क्यों कि इसमें Methionine नाम का एक amino acid दाल, राजमा और चना इन तीनो में ही नहीं पाया जाता है, हालाँकि इन चीजों को रोटी या चावल के साथ खाने से पूरे 9 amino acids की पूर्ति हो जाती है इसलिए इन चीजों को 2 शर्तों में पास कर सकते हैं और फिर भी ये 2 में कहीं ना कहीं पीछे रह जाता है इन चीजों का एक बार में 25 ग्राम और दिन भर में 50 से 60 ग्राम से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए खासकर अगर आप फैट लॉस करना चाहते हैं क्योंकि इन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है और इसे कंप्लीट protein बनाने के लिए रोटी या चावल के साथ मिलाकर खाने से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और भी ज्यादा बढ़ जाती है इसलिए इसका लिमिट में ही सेवन करना चाहिए। इन चीजों का आप एक टाइम सुबह के नाश्ते या फिर दोपहर के खाने में थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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9. Red Meat (Protein in Red Meat)
Red meat यानी beef – 100 ग्राम बिना चर्बी वाले बीफ़ में 26 ग्राम प्रोटीन और 15 ग्राम फैट होता है इसे हमने नौवें पोजीशन पर इसलिए रखा है क्यों कि यह भी शुद्ध प्रोटीन नहीं होता और क्वालिटी प्रोटीन के चार शहरों में से यह सिर्फ दो में ही पास हो पाता है और दो में कहीं ना कहीं यह भी पीछे रह जाता है 2 शर्तों में ये पास इसलिए होता है क्योंकि एक तो यह कंप्लीट प्रोटीन होता है जिसमें पूरे 9 amino acids मौजूद होते हैं और दूसरा यह कि इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन की बायोलॉजिकल वैल्यू अच्छी होती है जो कि शरीर में पचने के बाद लगभग 80% प्रोटीन हमारे शरीर में absorb हो जाता है और जो 2 शर्तों में ये पीछे रह जाता है उसमें से पहला तो ये है कि इसमें प्रोटीन के साथ- साथ fat भी काफी मात्रा में मौजूद होता है इसलिए इसे lean प्रोटीन सोर्स आफ फूड नहीं कहा जा सकता और दूसरा ये कि fat ज्यादा होने की वजह से ये पचने में भी बहुत ही मुश्किल होता है बात की जाए इसके इस्तेमाल की तो आपको इसे रेगुलर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ये शरीर में bad कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ा सकता है और यही वजह है कि आप इसका कभी-कभी तो इस्तेमाल कर सकते हैं।
8. मूंगफली (Protein in Peanuts)
Peanuts – 100 ग्राम मूमफलि में 26 ग्राम प्रोटीन, 16 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और लगभग 50 ग्राम फैट मौजूद होता है। इसमें प्रोटीन अच्छी तरह मौजूद होता है लेकिन साथ ही इसमें फैट भी बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है हलकी इसमें पाया जाने वाला फैट ज्यादातर unsaturated होता है इसलिए इसका नियमित मात्रा में सेवन करने से यह शरीर को फायदा ही पहुंचाता है और यही वजह है कि मूंगफली को प्रोटीन का नहीं बल्कि healthy fat का primary source माना जाता है। लेकिन अगर बाकी जाए प्रोटीन की क्वालिटी की तो ये क्वालिटी प्रोटीन की चारों शर्तो में कहीं ना कहीं पीछे रह जाता है क्यों कि एक तो ये lean protein नहीं होता है क्यों की इसमें फट के साथ कार्बोहाइड्रेट भी की मात्रा में मौजूद होता है। इसकी डाइजेशन और बायोलॉजिकल वैल्यू भी काफी कम होती है साथ ही इसमें पूरे नो अमाइनो एसिड भी नहीं पाए जाते हैं लेकिन मूंगफली को किसी अनाज के साथ खाने से यह कंप्लीट प्रोटीन हो जाता है और यही वजह है कि मूंगफली से ही बनाए गए पीनट बटर को जयदतर बॉडीबिल्डर ब्रेड के साथ खाते हैं ताकि उसे कंप्लीट protein बनाए जा सकें और इसलिए हम इसे एक शर्त में पास भी कर सकते हैं लेकिन फिर भी क्वालिटी प्रोटीन की तीन शर्तों में यह तब भी कहीं ना कहीं पीछे रह जाता है। हलकी ओवरऑल देखा जाए तो मूंगफली एक हेल्दी फूड होता है जिसका थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मूंगफली टॉप elergy फुट की श्रेणी में भी आता है और इसलिए अगर आपको अक्सर फूड एलर्जी हो जाती है तो आपको इसका सोच-समझकर ही सेवन करना चाहिए। एक दिन में मुट्ठी भर मूंगफली या एक से दो चम्मच पीनट बटर का दिन भर में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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7. Paneer (Protein in Paneer)
पनीर- 100 ग्राम पनीर में 18 ग्राम प्रोटीन, 1 से 2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और लगभग 21 ग्राम फैट होता है यह क्वालिटी प्रोटीन की चार शहरों में से 2 शर्तों में पास हो जाता है, लेकिन दो में कहीं ना कहीं फिर भी पीछे रह जाता है दो में इसलिए पास हो जाता है क्योंकि एक तो यह कंप्लीट प्रोटीन होता है इसमें पूरे नौ के नौ अमाइनो एसिड मौजूद होते हैं और दूसरा यह कि पनीर में पाए जाने वाले प्रोटीन की बायोलॉजिकल value बहुत ही हाई होती है, जिससे कि 80 से 85% प्रोटीन हमारे शरीर में अच्छी तरह absorb हो जाता है और बहुत कम ही waste हो पाता है और 2 शर्तों में ये इसलिए पीछे रह जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ-साथ फैट भी काफी मात्रा में मौजूद होता है जिससे कि इसे lean प्रोटीन सोर्सेस आफ फूड नहीं कहा जा सकता। और साथ ही इसमें फैट ज्यादा होने की वजह से यह पचने में भी थोड़ा भारी हो जाता है इसमें ख़ासकर saturated fat की मात्रा ज्यादा होने की वजह से 50 से 100 ग्राम से ज़्यादा इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसका हफ्ते में दो से तीन बार नाश्ते या दोपहर के खाने में इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर ऑप्शन हो सकता हैं।
6. Soya Chunks (Protein in Soya chunks)
सोया चंक्स – 100 ग्राम सोया चंक्स में 52 ग्राम प्रोटीन, 33 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और फैट ना के बराबर मौजूद होता है। वैसे सोया चंक्स एकमात्र ऐसा food है जिसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। लेकिन अगर बात की जाए प्रोटीन की क्वालिटी की तो इस बारे में क्वालिटी प्रोटीन के चार शर्तों में से सिर्फ दो शर्तो में पास होता है और दो में फिर भी कहीं ना कहीं पीछे रह जाता है दो शर्तों में पास इसलिए हो जाता है क्योंकि एक तो यह कंप्लीट प्रोटीन source ओफ़ फ़ूड होता, क्यों की इसमें पूरे नो अमाइनो एसिड मौजूद होते हैं और दूसरा यह कि इसमें फैट की मात्रा कम होने की वजह से यह पचने में भी ठीक-ठाक होता है। और बाकी की दो शर्तों में इसलिए पीछे रह जाता है क्योंकि एक तो यह lean सोर्स आफ प्रोटीन नहीं होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट भी काफी मात्रा में मौजूद होता है। इसलिए इसे लीन सोर्स आफ प्रोटीन नहीं कहा जा सकता और दूसरा यह कि सोया चंक्स में पाया जाने वाले प्रोटीन की बायोलॉजिकल वैल्यू उतनी अच्छी नहीं होती जिसकी वजह से यह पेट में पचने के बाद इसमें मौजूद लगभग 60% प्रोटीन ही शरीर में अब्सोर्ब हो पाता है और बाकी का यूं ही waste हो जाता है साथ ही सोया प्रोडक्ट में phytoestrogen नाम का hormone मौजूद होता है इसलिए इसकी ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से यह शरीर के हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ सकता है। लेकिन फिर भी दिन भर में 50 ग्राम तक सोया चंक्स खा सकते है।
5. Eggs (Protein in Eggs)
अंडा – एक एवरेज साइज के अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन और 5 gram फैट मौजूद होता है यह क्वालिटी protein के चार शर्तों में से दो शर्तों में पास हो जाता है और 2 शर्तों में ये भी कहीं न कहीं पीछे रह जाता है दो शर्तों में ये पास इसलिए होता है क्यों कि अंडा एक complete प्रोटीन होने के साथ-साथ इसकी biological value भी बहुत ही high होती है क्यों की अंडा शरीर में पचने के बाद लगभग पूरा का पूरा 100% शरीर में absorb हो जाता है और 2 शर्तों में ये इसलिए पीछे रह जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ-साथ fat भी काफी मजबूत होता है जिससे की इसे lean सोर्स आफ प्रोटीन नहीं कहा जा सकता और साथ ही इसमें फैट ज्यादा होने की वजह से यह पचने में भी थोड़ा हैवी हो जाता है अगर आप अंडे को पीले वाले हिस्से के साथ खाते हैं तो दिन भर में दो-तीन अंडे से ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अगर आप advanced level पर ट्रेनिंग करते हैं तो 1-2 अंडे की मात्रा बधाई जा सकती हैं वैसे तो इसे दिन में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सबसे अच्छा यह है कि इसका सुबह नाश्ते में इस्तेमाल किया जाए।
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4. Cow Milk (Protein in Cow Milk)
दूध- आधा लीटर गाय के दूध में 17 ग्राम प्रोटीन, 5 ग्राम fat और लगभग 26 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है क्वालिटी प्रोटीन के चार शर्तों में से गाय का दूध तीन शर्तों में पास हो जाता है तीन शर्तों में यह पास इसलिए हो जाता है क्योंकि एक तो यह कंप्लीट प्रोटीन होता है दूसरा यह कि पचने में ना तो बहुत ज़्यदा मुश्किल और न ही बहुत आसान होता है इसलिए digestibility में भी हम इसे मीडियम मानकर चल सकते हैं और तीसरा यह के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन की biological value भी बहुत हाई होती है जिससे कि यह पचने के बाद 90% से भी ज़्यादा हमारे शरीर में absorb हो जाता है और एक शर्त में ये पीछे इसलिए रह जाता है क्यों की इसमें प्रोटीन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट भी काफी मात्रा में मौजूद होता है और इसलिए इसे लीन सोर्स आफ प्रोटीन फूड नहीं कहा जा सकता अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो half liter तक दूध आप अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते है और बेहतर है कि इसका रात में खाने के 1-2 घंटे बाद और सोने से कम से कम आधे घंटे पहले इस्तेमाल किया जाए।
3. Fish (Protein in Fish)
मछली – वेसे तो अलग-अलग मछली में प्रोटीन की क्वांटिटी और क्वालिटी दोनों ही अलग-अलग होती है लेकिन जो मछली अंदर से जितनी सफ़ेद होती है उसमें प्रोटीन की उतनी ज्यादा मात्रा और उतनी ही अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन मौजूद होता है जैसे कि tilapia, pomfret, rahu और katla जैसी कुछ मछलियों के नाम है जिसमें हाई क्वालिटी प्रोटीन मौजूद होता है इस तरह की 100 ग्राम मछली में 17 से 25 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि कार्बोहाइड्रेट और फैट ना के बराबर मौजूद होता है बात की जाए प्रोटीन की क्वालिटी की तो यह क्वालिटी प्रोटीन के चारों शर्तों में पास हो जाता है।
2. Chicken Breast (Protein in chicken Breast)
चिकन ब्रेस्ट – दोस्तों चिकन के दूसरे body part में प्रोटीन के साथ fat भी मौजूद होता है लेकिन चिकन के सीने वाले हिस्से में हाई क्वालिटी प्रोटीन पाया जाता है इसलिए 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में 31 ग्राम प्रोटीन, जीरो ग्राम कार्बोहाइड्रेट और ना के बराबर फैट मौजूद होता है इसलिए यह क्वालिटी प्रोटीन की लगभग चारों शर्तों में पास हो जाता है चिकन ब्रेस्ट में हाई क्वालिटी प्रोटीन होने की वजह से ज्यादातर बॉडीबिल्डर भी इसका इस्तेमाल करते ही हैं और आप भी चाहे तो अपनी जरूरत के हिसाब से चिकन ब्रेस्ट अपने खाने में शामिल कर सकते हैं और इसका भी दिन में तीनो टाइम खाए जाने वाले खाने में से कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
1. Egg Whites (Protein in Egg Whites)
Egg white – यानि अंडे की सफेदी दोस्तों अंडे का सारा fat और कोलेस्ट्रोल अंडे के पीले वाले हिस्से में मौजूद होता है और जब पीले वाले हिस्से को निकाल दिया जाता है तो बाकी शुद्ध और pure प्रोटीन ही बचता है 1 अंडे की सफेदी में लगभग 3 se 4 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि fat और कार्बोहाइड्रेट बिल्कुल भी नहीं पाया जाता है और यही वजह है कि ये इतना शुद्ध और pure प्रोटीन माना जाता है क्वालिटी प्रोटीन के चारों शर्तों में यह पास हो जाता है और इसकी अच्छी बात यह है कि आप बिना किसी मसाले का इस्तेमाल किए भी सिर्फ उबालकर ही इसे खा सकते हैं और यही वजह है कि सर्दी गर्मी किसी भी मौसम में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है साथ ही इसे सुबह-दोपहर-शाम-रात, एक्सरसाइज से पहले और एक्सर्साइज के बाद कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इतना ही नहीं अपने वजन और दिन भर के प्रोटीन इंटर के हिसाब से आप इसे daily 5 – 10 – 15 या फिर 20 egg whites का भी इस्तेमाल कर सकते हैं यहां इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी कि अब तक मैंने जो भी बताया है आपको उन सभी खाने का एक ही दिन इस्तेमाल नहीं करना है बल्कि इन सभी खाने में से जो आपको पसंद आता है उसे हफ्ते में बारी-बारी से अपने प्रोटीन इनटेक के हिसाब से खाने में शामिल करने की कोशिश करें।
Nice
Thanks Sanjib
Helpful to body gain
Thanks Sumit